भारत में चित्रकथा
चित्रकथाओं को बाल साहित्य का ही हिस्सा माना जाता रहा है क्योंकि चित्रों के माध्यम से बच्चों को कहानी के पात्रों और वस्तुस्थिति के बारे में समझाना आसान हो जाता है। भारत में चित्रकथाओं की शुरुआत विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में कॉमिक स्ट्रिप के रूप में हुई। भारतीय चित्रकथाओ से पहले विदेशी चित्रकथाओं के हिंदी अनुवाद ही उपलब्ध थे जो शायद भारतीय चित्रकथाओ के लिए प्रेरणास्रोत बने।
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