पराग
नवंबर,१९८०
ज्योति विशेषांक
अभी कुछ दिनों पहले मुझे श्री इकबाल रिज़्वी जी का ईमेल आया। श्री इकबाल रिज़्वी जी एक जाने माने पत्रकार एवं लेखक हैं , उनके लेखन को आप साहित्य गंगा और हिंदी समय की वेबसाइट पर पढ़ सकते हैं। ईमेल में उन्होंने मेरे द्वारा हिंदी बाल साहित्य के नाम से इस ब्लॉग को चलाये जाने के प्रयास की सराहना की है। उन्होंने मेरा उत्साह वर्धन करने के लिए पराग पत्रिका के कुछ अंक भेजने की इच्छा भी जतायी ।
मैंने भी उनसे पराग पत्रिका के उनके पास उपलब्ध अंकों को भेजने का आग्रह किया, और दो दिन के भीतर ही उन्होंने पराग पत्रिका का एक दुर्लभ अंक स्कैन कर के मुझे भेज दिया।
मैं बहुत आभारी हूँ इक़बाल सर का कि मेरे लिए उन्होंने पराग पत्रिका के इस संपूर्ण अंक को स्कैन करने का कष्ट उठाया। बहुत बहुत धन्यवाद इक़बाल सर।
तो लीजिए प्रस्तुत है उनके द्वारा स्कैन किया हुआ पराग पत्रिका का १९८० के नवंबर माह में प्रकाशित अंक।
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